राजस्थान :-मैं आंधी और तूफान आने से एक दादा और एक पोते की मौत हो गई है और कई टावर भी गिर है और कई गहों पर बड़े-बड़े प्लांट भी गिरे हैं पूरे राजस्थान में आंधी से और तूफान आने से कई लोगों को हानियां हुई है राजस्थान में एक्टिव वेर्स्टन डिर्स्टबेंस का असर आज भी कई जिलों में देखने को मिलेगा। इसका सबसे ज्यादा कई बड़े-बड़े शहरों में भी असर पड़ा है।जेसे जोधपुर, जयपुर, बीकानेर के अलावा अजमेर संभाग के कुछ जिलों में देखने को मिलेगा। इन संभाग के जिलों में आज भी 70-80KM प्रतिघंट की रफ्तार से तेज अंधड़ आने और आकाशीय बिजली चमकने के साथ बारिश-ओलावृष्टि होने की संभावना है है। एसी स्थिति को देखते हुए जयपुर मौसम केन्द्र ने 7 जिलों के लिए ऑरेंज और तीन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए लोगों को भी सूचित किया जाता है अलर्ट और बारिश-आंधी के समय सुरक्षित स्थानों पर रहने की चेतावनी जारी की है।इससे पहले पिछले 24 घंटे की रिपोर्ट देखे हुए तो उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के जिलों में कोहरा आए अंधड़ से जबरदस्त तबाही मची है। कई जगह पेड़ मोबाइल टॉवर कच्ची दीवारें भी गिर गई 80KM की स्पीड से भी तेज आए इस अंधड़ के कारण बीकानेर, जोधपुर और नागौर एरिया में आसमान में धूल का आधेरा छा गया है।और विजिबिलीटी भी बहुत से गांव पर कम हो गई थी।
रामदेवरा मैं ओलावृष्टि और बारिश से मौत :-
जैसलमेर के रामदेवरा गांव में ज्यादा बारिश और ओले गिरने से खेत में उस दादा और एक पोता बकरियां करा रहे थे और वह लोग खेत में ही रह गए और रुकने की व्यवस्था नहीं थी तो उन्हें बारिश से उनकी मौके पर ही मौत हो गई जब भी रात को घर पर नहीं आया दादा पोता तो घरवाले ढूंढने के लिए निकले तो खेत में ही उनके ला से मिली और पांच से बकरियां भी मरी हुई थी
रविवार को अचानक से हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण बकरी चरा रहे दादा-पोते की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के अनुसार रामदेवरा के भील बस्ती के निवासी कानाराम (55) पुत्र भाखरराम और उसका पोता विक्रम ( 12 ) पुत्र देवाराम रविवार को दिन में बकरी चराने गया थे। मावा गांव की तरफ़। तभी दोपहर को 1:00 के करीब बारिश और ओलावृष्टि चारूं हो गई।
दादा-पोते शाम हो गई और घर नहीं लौटे तब घरवालों ने
तलाश शुरू की।तब रात की करीब 11 बजे दादा पोता की शव सुनसान जगह पर पड़े मिली। परिजनों ने बताया कि ओलावृष्टि के दौरान सुरक्षित जगह नहीं होने की वजह से दोनों दादा पोते की मौत हो गई। वहीं, ओलावृष्टि से पांच बकरियों की मौत हो गई।
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